दोस्तों आज का जो मेरा पोस्ट आपके लिए होगा विडिओ एडिटिंग के जरूरी भाग वीडियो ट्रिमिंग क्या है? इस पर होगा। यदि आप एडिटिंग करने मे रुचि रखते है। तो इस पोस्ट को पढ़ना आपके लिए बेहद जरूरी है।
विडिओ ट्रिमिंग एडिटिंग का काफी अहम हिस्सा है, जिससे विडिओ को दूसरे विडिओ से जोड़ने के लिए भी बनाया गया है, जैसे विडिओ मे कोई भाग अगर आपको पसंद नहीं है। तो विडिओ ट्रिमिंग प्रयोग करके आप उसको निकाल सकते है।
आज कल लोग सोशल मीडिया का प्रयोग ज्यादा करने लगे है, और वहाँ अच्छी अच्छी विडिओ देख कर आक्रोशित भी होते है। अपनी खुद की विडिओ बनाने के लिए। लेकिन एडिटिंग स्किल ना होने की वजह से निराशा ही हाथ लगती है।
इसलिए सोशल मीडिया की दुनिया मे हर चीज की जानकारी होना बहुत जरूरी है। ऐसा ही विडिओ एडिटिंग के फीचर है। जिनकी बारे मे जानकारी भी होना बहुत जरूरी है, जैसे की उसमे से एक Video Trimming है।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल मेरी इतनी सी बात सिर्फ विडिओ ट्रिमिंग के लिए है। जिसे आपको जानना बहुत जरूरी है, ओर इसके बारे मे मै आपको भरपूर जानकारी भी प्राप्त कराना चाहता हूँ।
वीडियो ट्रिमिंग क्या है?
आमतोर पर ट्रिमिंग का मतलब विडिओ की लंबाई कम करना होता है, या यह भी कह सकते है। जिस भाग की हमे जरूरत नहीं है, उसको हटाना है। ऐसा नहीं है की विडिओ की शुरू मे उसकी लंभाई को कम करे, आप किसी भी छोर को पकड़ सकते है ओर उसको आसानी से ट्रिम कर सकते है।
किसी किसी ऐप मे विडिओ ट्रिमिंग को कट भी बोल जाता है, आजकल जो ऐप्लकैशन इंटरनेट पर मोजूद है। उन्हों मे विडिओ ट्रिमिंग के नाम से जाना जाता है।
मगर अब तो सोशल मीडिया जिन्हे आप प्रयोग करते है, उसमे भी ये फीचर आजकल आने लगा है। जैसे आप इंस्टाग्राम प्रयोग करते है, या Facebook उसमे आप रील्स बनाते है। तो रील्स क्रीऐट होने के बाद एडिटिंग का ऑप्शन आता है। उसी मे आपको विडिओ ट्रिमिंग भी आसानी से मिल जाएगा।
अगर विडियो को ट्रिम करते हो तो आपके लिए विडियो एडिटिंग ट्रांजीशन जानना जरुरी हो जाता है। क्युकी एक विडियो के बाद दूसरी विडियो से पहले आलग अलग तरह का ट्रांजीशन आता है, उसको सीखना चाहिए।
ट्रिमिंग के प्रकार
दोस्तों ट्रिमिंग क्या है? यह जानने के बाद अब जानते है की, ट्रिमिंग करने के लिए कितने प्रकार जिन्हे मै आपको उधारण सहित बताने जा रहा हूँ।
स्लिप ट्रिम: स्लिप ट्रिम करते समय आप जरूरत के अनुसार विडिओ की शुरुआत ओर एन्डिंग को की स्थिति को बदल सकते है। जिससे आपकी विडिओ औडियो, विडिओ या किसी भी तरह का इफेक्ट विडिओ मे मेल खा सके। ये फीचर भी एक विडिओ एडिटिंग ऐप्लकैशन मे किया जा सकता है। जिससे विडिओ को प्रोफेशनल बनाया जा सके।
रोलिंग ट्रिम: इस फीचर का मुख्य पर्पस ये होता है, की आप अपनी विडिओ के किसी भी जगह का हिस्सा काट कर विडिओ की लंबाई को कम कर सके। जिससे आपकी विडिओ शॉर्ट बनी रहती है, बिना विडिओ का पूरा समय लंबाई कन्वर्ट कर सकते है।
स्लाईड ट्रिम: स्लाईड ट्रिम का उपयोग भी रोलिंग ट्रिम की तरह ही किया जाता है, ओर उसकी तरह ये काम भी करता है। बस फर्क सिर्फ इतना होता है, रोलिंग ट्रिम मे हम एक भाग को काट कर विडिओ को शॉर्ट करते है, लेकिन स्लाईड ट्रिम मे विडिओ के बहुत सारे भाग को काट कर अलग अलग जगह सेट कर सकते है।
स्प्लिट ट्रिम: स्प्लिट ट्रिम का मुख्य उद्देश्य विडिओ काटने का ही होता लेकिन किस लिए काटना होता है, ये जानना बेहद जरूरी है। स्प्लिट का प्रयोग विडिओ के वो भाग काटने के लिए जाता है, जिसमे हम अलग से फ़िल्टर जोड़ सके या इफेक्ट को जोड़ सके, या कोई भी ध्वनि हम उसमे लगा सके।
ये है विडिओ ट्रिमिंग के वो चार प्रकार जो विडिओ मे हमेशा प्रयोग मे लिए जाते है। जिनका विडिओ को अच्छी तरह से एडिट करना होता है। ओर विडिओ ट्रिमिंग के जरिए उसको सही रेखा मे रखना होता है।
विडियो को ट्रिम करने के कारण
विडिओ को ट्रिम करने के लिए कुछ मुख्य करना है जो निम्नलिखित रूप से नीचे दर्शाये गए है:
- म्यूजिक और औडियो को डेडकैट करना: विडिओ को ट्रिम करके आप उसी विडिओ मे संगीत के साथ साथ किसी भी औडियो को जोड़ सकते है। जैसे वो फाइटिंग सीन मे मुक्के की आवाज हुई, कोई भी औडियो कह सकते है।
- साझा करने के लिए साइज़ को कम करना: विडिओ को ट्रिम करके विडिओ का आकार कम कर सकते है, जिससे वही से किसी भी सोशल मीडिया या जीमेल पर साझा किया जा सके।
- लंबाई कम करना: ट्रिमिंग मे विडिओ की लंबाई इसलिए कम की जाती है, आजकल इंस्टाग्राम ओर यूट्यूब पर शॉर्ट विडिओ का ट्रेंड है तो ट्रिमिंग इसके लिए भी ज्यादा प्रयोग किया जाने लगा है।
- नॉइज़ को कम करना: विडिओ मे आप नॉइज़ ओर अनचाही मुकदमेबाजी जैसे शोर को कम कर सकते है। ये भी विडिओ ट्रिमिंग करके ही आपको मिल जाएगा।
- प्रोफेशनल दिखना: विडिओ को काट कर छोटा बनाकर आप इसए सुधरा ओर प्रोफेशनल दिख सकते है, जिससे आपकी विडिओ का प्रभाव काफी अच्छा बन जाता है।
ऐसा ही विडिओ को ट्रिम करके कुछ मुख्य कारण जो मैंने आपके सामने पेश किये है, इसके कारण तो बहुत सारे लेकिन मै अपनी पोस्ट पर उनकी ही बात करता हूँ जो बेहद जरूरी है।
विडियो ट्रिम करने के लिए किस ऐप का उपयोग होता है?
विडिओ ट्रिम करने के लिए अब तो इंटरनेट पर काफी सारे ऐप मौजूद है, लेकिन किसी एक की जरूरत सबको ऐसे की होती है। जो काफी चर्चित हो या काम अच्छा करता हो।
लेकिन इस बात के लिए ये भी मायने रखता है, आप उसको किस डिवाइस मे प्रयोग करना चाहते है। जैसे की आप लैपटॉप मे प्रयोग करना चाहते है, तो उसके लिए अलग ऐप बनाया गया है।
यदि आप एंड्रॉयड या iOS मे प्रयोग करना चाहते है, तो उसके लिए ऐप को अलग दिया गया इंटरनेट पर लेकिन मै आपको उस ऐप के बारे मे बताऊँगा जिससे आप सभी डिवाइस मे प्रयोग कर सकते है।
बहुत सारे ऐप है ऐसे जिनका हम विडिओ ट्रिमिंग के लिए प्रयोग तो कर सकते है, लेकिन वो एडिट करने की बात भी होनी चाहिए जो की एक अच्छे ऐप मे होती है, जैसे काइनमास्टर और पॉवरडायरेक्टर विडिओ ट्रिमिंग करने के लिए एकमात्र अच्छे विकल्प है।
निष्कर्ष
भले ही वीडियो, सोशल मीडिया या डिजिटल कंटेंट हो, विडिओ ट्रिमिंग की सुविधा ने यूज़र अनुभव को बेहतर बनाया है। यह जानकारी को व्यवस्थित और समझने योग्य बनाता है। डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में ट्रिमिंग का उपयोग और विकास निरंतर जारी रहेगा।
उम्मीद है मेरे द्वारा लिखित यह ब्लॉग पोस्ट वीडियो ट्रिमिंग क्या है? इसपर पर आपको जानकारी देने में सक्षम हुआ होगा। मुझे लगता है कि मैंने आउटलाइन को ब्लॉग पोस्ट के रूप में सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत किया है। आपकी प्रतिक्रियाएँ स्वागत हैं।